बुरांश का फूल |
प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में बुरांश को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। ,इस फूल में विटामिन ए, बी-1, बी-2, सी, ई और के मौजूद होने की वजह से ये व्यक्ति का वजन नहीं बढने देता साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल रखता है। विटामिन बी कॉम्पलैक्स व खांसी, बुखार जैसी बीमारियों में भी बुरांश का जूस दवा का काम करता है।बुरांश का जूस हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए बहुत लाभदायक है। इस फूल का जूस दिल से जुड़े सभी विकारों को दूर करने में मदद करता है।
बुरांस का पेड़ उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है,बुरांश का फूल खिलते हुए बहुत ही सुंदर दिखाई देता चमकती हुई हिमालय की पृष्ठभूमि में, गहरे लाल रंग के बुरांश, बुरांश जूस सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. यह जूस दिल के मरीजों के लिए ख़ास तौर पर फायदेमंद माना जाता है
बुरांश में पाई जाने वाली एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, हार्ट एंड लिवर प्रोटेक्टिव प्रॉपर्टीज हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं।
आयुर्वेद में भी जिक्र किया गया है इस फूल का। लाल रंग वाला बुंरास में सबसे अधिक स्वास्थवर्धक गुण पाए जाते हैं। ये फूल केवल विशेष मौसम में ही होता है। उस समय इसकी मांग खूब बढ़ जाती है।
इसमे फूल में ‘विटामिन ए’ के अलावा विटामिन बी-1, बी-2 और आयरन होता है जो कि इंसान के शरीर में हिमोग्लोबीन कि मात्रा को बढ़ाता है। इससे एनिमया’ यानी खून की कमी को दूर होती है।
बुरांश हिमालयी क्षेत्रों में मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। बुरांश के फूलों के खिलने का समय मार्च-अप्रैल माह में होता है। हालांकि कई स्थानों पर फरवरी महीने के अंतिम में भी बुरांश के पुष्पों को देखा जा सकता है।
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